फंडामेंटल एनालिसिस की पूरी गाइड | phandaamental enaalisis kee pooree gaid

फंडामेंटल एनालिसिस की पूरी गाइड

आप स्टॉक मार्केट में निवेश या फिर ट्रेडिंग करते हो तो आपको पता होना चाहिए कि फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है | हम फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग कर कैसे एक बेहतरीन ट्रेडिंग कर सकते हैं और एक बेहतरीन इन्वेस्टमेंट कैसे कर सकते हैं फंडामेंटल एनालिसिस के बेस पर……, तो हम यहां पर जानेंगे कि फंडामेंटल क्या होता है? और इसका प्रयोग कैसे करते हैं? हम एक - एक पॉइंट को यहां पर आसान शब्दों में समझेंगे | फंडामेंटल एनालिसिस से हमें यह पता चलता है? कोई कंपनी कैसी है उस कंपनी के ऊपर कितना उदार है और कितना ग्रो कर रही है | यह जानकारी हम देख सकते हैं | हम यहां पर बात करेंगे इन पॉइंट पर PE Ratio क्या होता है? प्राइस टू बुक वैल्यू ( price to book value)क्या है? Ev to Ebit क्या है ? EV to Ebitda क्या है? Ev to Capital Employed क्या है? Ev to Sales क्या है ?पैक रेसो ( Peg Ratio ),डिविडेंड यील्ड ( Dividend Yield) और तो और इन सब पॉइंट पर हम डिटेल में आगे बात करने वाले हैं और आप बेसिक से लगाकर एडवांस तक फंडामेंटल एनालिसिस आसानी से कर पाओगे क्योंकि यहां पर में आपको आसान भाषा में फंडामेंटल एनालिसिस करना सिखाने वाला हूं | जिससे आपको प्रॉफिट तो होगा ही सही आप एक प्रोफेशनल व्यक्ति बन सकते हो | मैं आसान तरीके से आपको समझने वाला हूं | वह भी हिंदी में आपको कैसे निवेश करना है इसके बारे में भी हम बात करेंगे और आप जिस ऐप से ट्रेडिंग करते हैं उसी apps में फंडामेंटल एनालिसिस का पूरा डाटा छुपा होता है | उसी डाटा को देखकर हम कैसे अनुमान लगा सकते हैं किस कंपनी के दाम बढ़ने वाले हैं या फिर घटने वाले हैं |यह कंपनी कितना डिविडेंड देती है यह आपको कैसे पता चलेगा और इस कंपनी पर कितना उदार है यानी कि कितने कर्जे में है यह भी आप आसानी से देख पाओगे फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से इस कंपनी का सीईओ कौन है ,अभी इस कंपनी को कौन हैंडल कर रहा है ? इसके बारे में भी आप देख पाओगे अभी इसके पास शेरहोल्डर कौन-कौन है यह भी आप आसानी से देख सकोगे मैं आपको इन चीजों के बारे में आसानी से बताने वाला हूं | प्रमोटर कौन है यह भी आप समझोगे कुल मिलाकर बात करें कि फंडामेंटल एनालिसिस के अंदर आप छोटी-छोटी चीजों को समझेंगे और वह इतनी आसान है कि आपने अभी तक सोचा नहीं होगा आपने उससे अभी तक कठिन माना है परंतु वह इतनी आसान है की आपको समझ मे आजायेगी तो चलिए हम स्टेप बाय स्टेप एक- एक प्वाइंट पर बात करते हैं जो हमें जानना बहुत जरूरी है | आप को यहाँ पर फंडामेंटल एनालिसिस की पूरी गाइड मिलेगी |
phandaamental enaalisis kee pooree gaid

    बाज़ार आकार - MC-( Market Cap)

    चलिए हम मार्केट कैप को समझते हैं क्या है यह मार्केट कैप और इसे हमें क्यों समझना जरूरी है मार्केट कैप का मतलब होता है कि किसी कंपनी को आप कितने रुपए में खरीद सकते हैं या फिर इस कंपनी के पास कितना कैपिटल है या फिर आप यह भी समझ सकते हो कि यह कंपनी कितनी बड़ी है या फिर आपको यह कंपनी खरीदनी है तो आपको इस कंपनी को कितना पैसा देना पड़ेगा तब जाकर इस कंपनी को आप खरीद पाओगे यही है मार्केट कैप 🤗 जितना ज्यादा मार्केट कैप होगा उतनी बड़ी कंपनी होगी | जितना कम मार्केट कैप होगा उतनी छोटी कंपनी होगी मान लीजिए कोई कंपनी 10000 करोड़ की है तो यह कंपनी बहुत बड़ी है और मान लीजिए कोई कंपनी एक हजार करोड़ की है तो यह बहुत छोटी कंपनी है तो हमें निवेश करते समय यह ध्यान रखना है की किस कंपनी का मार्केट कैप कितना है जितना अधिक मार्केट कैप होगा उतनी बड़ी कंपनी होगी | और हमारा निवेश मे जोखिम भी कम रहता है कंपनी छोटी है उसका मार्केट कैप कम है तो उस कंपनी पर हम भरोसा नहीं कर सकते हैं कभी भी डूब सकती है या फिर आगे बढ़ सकती है यहां पर बहुत ज्यादा रिस्क रहता है आप अधिक रिस्क लेना चाहते हैं तो आप कम मार्केट कैप वाली कंपनी में भी निवेश कर सकते हैं आप कम जोखिम लेना चाहते हो तो आप बड़ी कंपनी में निवेश करें |

    इक्विटी पर लाभ - ROE ( Return on Equity)

    ROE का मतलब कंपनी कितना प्रतिशत रिटर्न कमा रही है यह दिखता है जिस कंपनी का जितना अधिक ROE होगा उतना सही रहेगा इंडिया में अधिकतर 20 से 25% कंपनी रिटर्न देती है कोई कंपनी कम भी रिटर्न देती हैं जैसे:- 8 से 10% यह कंपनी भी सही है जितना अधिक ROE है उतनी सही कंपनी है ROE अधिक होना चाहिए 20% से ऊपर तो होना चाहिए |

    प्रति शेयर आय - EPS ( Earnings Per Share)

    EPS हमें यह बताता है कि कंपनी प्रति शेयर कितना कमा रही है जितना अधिक काम आएगी उतना हमारे लिए सही रहेगा जितना EPS अधिक होगा उतना सही रहेगा 100+ तो होना ही चाहिए |

    मूल्य - आय अनुपात - P/E Ratio (TTM) (Price to Earnings)

    P/E का मतलब होता है कि आपको एक रुपया कमाने के लिए कितने रुपए निवेश करने पड़ेंगे मान की किसी कंपनी का P/E Ratio ₹100 है तो आपको ₹1 कमाने के लिए कंपनी को ₹100 देने पड़ेंगे जितना कम P/E Ratio होगा उतना सही रहेगा |

    भाग प्रतिफल -DY-(Dividend Yield)

    कंपनी अपने लाभ में से अपने निवेशकों को जितना प्रतिशत पैसा दे रही है यही है डिविडेंड यील्ड इतना अधिक डिविडेंड एंड होगा उतना फायदा है निराशा के लिए और समझते हैं कंपनी जितना लाभ कम आती है उसमें से अपने निवेशकों को कितना पैसा दे रही है यही है डिविडेंड यील्ड….
    डिविडेंड वही कंपनी देती है जो आज एक सही मुकाम पर है यह भी हो सकता है कि कंपनी जितना कमा रही है वह अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने में भी लगा सकती है वह कंपनी आज सही जगह पर है इसलिए वह डिविडेंड दे रहे हैं | आपको यहां पर प्रति शेयर पर डिविडेंड मिलता है |

    बुक वैल्यू -( Book Value)

    कंपनी आज किसी कारण से बंद हो जाते हैं तो आपको प्रतिशत कितना रुपया मिलेगा यही बताता है बुक वैल्यू.. . .
    आपके लिए उतना फायदा है जितना अधिक बुक वैल्यू होगा उतना फायदा…, आपको देखना है कि बुक वैल्यू कितना है |

    प्राइस-टू-बुक-P/B Ratio-(Price to Book Ratio)

    कोई कंपनी आज बंद हो जाती है और आपको एक रुपया लेना है तो आपका कंपनी में कितना रुपया निवेश होना चाहिए | यही होता है P / B Ratio.आपको देखना है कि P/B Ratio कम होना चाहिए यह एक व 2 के मध्य होना चाहिए यह सही रहेगा |

    इक्विटी को ऋण-(Debt To Equity)

    आप किसी भी कंपनी में निवेश कर रहे हैं तो डेट कम होना चाहिए एक कंपनी दो तरह से डेट ले सकती है पहले तो किसी से कर्ज ले ले या अपने इक्विटी दे दे मतलब एक ही कंपनी के अधिक मालिक हो चाहे कंपनी के अधिक मालिक भी सही नहीं है कंपनी के ऊपर अधिक कर्ज भी नहीं होना चाहिए जितना कम डेट होगा उतना सही रहता है और समझते हैं |
    कंपनी को ₹1 इक्विटी पर कितना कर्ज लिया है उसे डेट कहते हैं डेप्ट एक से कम होना चाहिए |

    आंतरिक मूल्य- (Intrinsic Value)

    इंट्रिन्सिक वैल्यू से हम यह समझते हैं कि कोई शेयर महंगा  है या सस्ता है इंट्रिन्सिक वैल्यूअधिक है और प्राइस कम है तो वह अभी सस्ता मिल रहा है इंट्रिन्सिक वैल्यू कम है तो अभी शेयर प्राइस अधिक है |

    निष्कर्ष

    अपने यहां फंडामेंटल एनालिसिस की पूरी गाइड स्टेप बाय स्टेप प्राप्त की है आपको और भी फंडामेंटल रिलेटेड की जानकारी चाहिए तो मुझे कमेंट कर सकते हैं परंतु बात हम यह करते हैं कि यहां पर इसका निष्कर्ष क्या निकलता है तो आपने  यहां पर फंडामेंटल को स्टेप बाय स्टेप समझा है एक निवेशक को जितनी जानकारी पता होनी चाहिए वह यहां से ले सकता है एक बिगनर यानी की पहली बार कोई फंडामेंटल एनालिसिस कर रहा है तो यहां से आसानी से सीख सकता है वह भी सिंपल लैंग्वेज के अंदर मतलब की आसान भाषा में तो यहां पर सभी पॉइंट मैं आसान भाषा में बताने की कोशिश की है जो कि आपको समझ में आए होंगे |

    डिस्क्लेमर

    Your Finance Planet किसी प्रकार से निवेश की सलाह नहीं देता है यह सिर्फ शिक्षा के पर्पश से आर्टिकल लिखा जाता है | आपको निवेश करना है तो आप अपने सलाहकार से रह ले और फिर अपने जोखिम पर निवेश करें |